राहुल गांधी तब ही क्यों ग़ायब हो जाते हैं जब कांग्रेस को रीढ़ की हड्डी चाहिए होती है?
राजस्थान से लेकर छत्तीसगढ़ और अब कर्नाटक — कांग्रेस कब तक नेतृत्व की उलझनों से भागती रहेगी?
क्या फैसलों को टालना ही अब कांग्रेस की रणनीति बन चुकी है?