क्या एक गुजरात से आया नेता, जिसके पास केरल की जमीन पर कोई बड़ा अनुभव या अपनी सीट नहीं है, बी.जे.पी. को यहां मजबूत बना सकता है?
जहाँ मोदी का जादू भी अब तक कोई खास असर नहीं दिखा सका, वहाँ क्या राजीव चंद्रशेखर की चमकदार दिल्ली वाली छवि केरल के लोगों को पसंद आएगी?