भगवंत मान कह रहे हैं कि 19,000 किलोमीटर ग्रामीण सड़कों की मरम्मत पर ₹3,500 करोड़ खर्च होंगे — लेकिन बिना कोई तारीख बताए, और ऊपर से केंद्र ₹6,000 करोड़ रोक कर बैठा है।
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तो क्या सच में सड़कें बन रही हैं या बस इल्ज़ामों की नींव डाली जा रही है? क्या भगवंत मान का 'शाइनिंग पंजाब' सिर्फ भाषणों में चमक रहा है?