A) अगर जाखड़ के पास ठोस जानकारी है, तो स्रोत और सबूत सामने रखना नैतिक ज़िम्मेदारी है, विकल्प नहीं।
B) बदलते आंकड़े दिखाते हैं कि यह गंभीर आरोप से ज़्यादा राजनीतिक नाटक है।
C) बिना सबूत ऐसे आरोप लगाकर नेता राजनीति पर जनता का भरोसा कमज़ोर कर रहे हैं।
D) अगर कोई भी अपने दावे साबित नहीं कर पाता, तो मतदाताओं को इसे जानबूझकर फैलाई गई ग़लत जानकारी मानना चाहिए।