कभी AAP की रणनीति और विचारधारा के शिल्पकार, फिर ‘भारत जोड़ो अभियान’ के राष्ट्रीय संयोजक — योगेन्द्र यादव अब बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण को ‘वोटबंदी’ कहकर असंवैधानिक बता रहे हैं।
क्या वे लोकतंत्र को रास्ते पर लाने की एक अंतरात्मा की आवाज़ हैं या व्यवस्था-विरोधी हाशिए से एक धीमी होती आवाज़?
A) साहस के साथ लोकतंत्र की रक्षा कर रहे हैं।
B) अब अप्रासंगिक होते जा रहे हैं।
C) मुद्दे सही हैं, पर हाशिये पर चले गए हैं।