NEP 2020 ने लचीलापन और समावेश का वादा किया था — लेकिन पाँच साल बाद भी गाँव के बच्चों के पास शिक्षक नहीं, शहरों के बच्चे एजुकेशन लोन के कर्ज़ में डूबे हैं, और मातृभाषाएं सिर्फ़ राजनीतिक नारे बनकर रह गईं।
क्या ये ‘दूरदर्शी नीति’ असल में क्लासरूम और सत्ता के बीच की खाई और गहरी कर गई? AI सेंटर्स से पहले मंत्रालय ने पढ़ाई की ABC ठीक की भी है क्या?
NEP को आप कैसे रेट करते हो?