अगर भूपेंद्र यादव मोदी के 'कानूनी दिमाग' हैं और उनके पास संघ की जड़ें भी हैं और दिल्ली की चमक भी, तो अब तक उन्हें पार्टी अध्यक्ष क्यों नहीं बनाया गया?
क्या आज की बीजेपी में 'बैलेंस्ड' होना ही सबसे बड़ा माइनस पॉइंट है?
क्या आप उन्हें अगला बीजेपी अध्यक्ष मंज़ूर करते हैं?