रॉयटर्स इंस्टीट्यूट की डिजिटल न्यूज़ रिपोर्ट 2024 के अनुसार, 71% भारतीय ऑनलाइन माध्यमों को समाचार के लिए प्राथमिकता देते हैं, जिनमें से 49% विशेष रूप से सोशल मीडिया पर निर्भर हैं।
Opinion
क्या यह ध्रुव राठी जैसी अधिक स्वतंत्र और आलोचनात्मक आवाज़ों की ओर जाना बदलाव का संकेत है, जो भाजपा के नियंत्रित कथानक को धूल में मिला देगा?