जब दो पड़ोसी देश शांति और समझदारी की बात करते हैं, लेकिन छात्रों की मौत, झूठी खबरें और बॉर्डर पर हो रही हत्याओं पर कुछ नहीं कहते—तो वो असल में क्या ठीक करना चाहते हैं?
क्या शेख़ हसीना के प्रत्यर्पण पर भारत की ख़ामोशी क्षेत्रीय दोस्ती की मिसाल है या कुछ और?