बड़े औद्योगिक डिफॉल्टर, जिन्होंने गबन करके विदेश भागने के लिए उड़ान भरी, उनकी तुलना में बैंक और सरकारें सिर्फ़ किसानों पर ही क्यों अपना दबदबा और गुस्सा निकाल रही हैं? माजरा क्या है? क्या किसान धनाढ्य सेठों की बराबरी नहीं कर सकता, इसलिए उसे परेशान किया जाता है?