अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जिस तरह खाद्य मुद्रास्फीति 12 प्रतिशत बढ़ गई है, देश में भी लगभग ऐसा ही हाल है।
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तो क्यों न खेतीबाड़ी उत्पादों को निर्यात के लिए खोल दिया जाए और उसी समय साथ-साथ पूरे देश की भंडारण क्षमता को एक बार फिर जांच लिया जाए ताकि यथास्थिति पता चल सके?
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In the current situation, where government representatives claim to purchase 90 percent of the crops, farmer organizations are claiming only 20 percent. The ground reality is that over 60 percent of the crops are still standing in the fields. Punjab is likely to suffer long-term damage from this impending tragedy.
मौजूदा हालात में जहां सरकारी प्रतिनिधि 90 प्रतिशत फसल ख़रीदने का दावा कर रहे हैं, वहीं किसान संगठन 20 प्रतिशत ख़रीद के दावे कर रहे हैं। ज़मीनी सच्चाई यह है कि अभी भी 60 प्रतिशत से अधिक फसलें खेतों में खड़ी हैं। इस संभावित त्रासदी का पंजाब को लंबे समय तक नुकसान झेलना पड़ेगा! यह ऐतिहासिक स्थिति किसी भी दिशा में मोड़ ले सकती है!