गंभीर चिंता का विषय यह है कि विश्व बैंक यह कह रहा है कि भारत से उत्तर और दक्षिण अमेरिका तक व्यापार करना 20% सस्ता है लेकिन भारत से यह काम किसी अरब देश या पड़ोसी सार्क देशों तक करना मुश्किल है। इसका आंकलन किया जाना चाहिए कि फर्ज़ीवाड़े में किसकी कितनी भूमिका है? आपकी राय क्या है?