पिछले दशक में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को विलय के ज़रिए 27 से 12 तक संयुक्त किया गया ताकि अधिक संपत्तियां जोड़ी जा सकें जबकि निजी बैंकों की शाखाओं की संख्या 24,661 से बढ़ कर 37,872 हो गई। वहीं इसके विपरीत सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की शाखाओं की संख्या 91,445 से घट कर 84,256 रह गई।