A) मीडिया का नाटक ध्यान भटकाता है – युवाओं के मुद्दे अक्सर एक दिन से ज़्यादा चर्चा में नहीं रहते।
B) नीतिगत बेरुख़ी – सरकारें दीर्घकालिक युवा-केंद्रित नीतियों को प्राथमिकता नहीं देतीं।
C) संस्थागत कमी – नीतिगत फैसलों में युवाओं की आवाज़ ठीक से नहीं सुनी जाती।
D) सुधार प्रस्ताव – एकरूप परीक्षा-सुधार, मानसिक स्वास्थ्य ढाँचा और सुरक्षित परिसर कानून दीर्घकालिक बदलाव ला सकते हैं।