A) पंथक धड़कन फिर से बादल-नेतृत्व वाले अकाली दल की ओर लौट रही है।
B) बादल-विरोधी अकाली गुट अब पंथक राजनीति की नई इबारत लिख रहे हैं।
C) आम आदमी पार्टी को एक बार फिर बंटे हुए पंथक वोट का फ़ायदा मिलेगा।
D) पूरी पंथक राजनीति अब गहराई खो चुकी है और सिर्फ़ प्रतीक बन कर रह गई है।