मुख्यमंत्री भगवंत मान कहते हैं कि वह “दुख मंत्री हैं, मुख मंत्री नहीं” और दिवाली तक राहत चेक देने का वादा करते हैं।
लेकिन जब 12,000 करोड़ रुपये का आपदा फंड अब भी रहस्य बना हुआ है, तो क्या पंजाब का दुख सच में कम हो रहा है या सिर्फ़ त्योहारों वाले वादों से टाला जा रहा है?
A) दुख मंत्री — नारेबाज़ी में अच्छे, जवाबदेही में कमज़ोर।
B) मुख्य मंत्री — केवल नाम के, असली कंट्रोल कहीं और है।
C) नाटक मंत्री — हर त्रासदी को मंच का नाटक बना देते हैं।