पंजाब, जो पूरे देश को अन्न देता है, फिर से डूब रहा है—3 लाख एकड़ फसलें बर्बाद, बासमती निर्यात प्रभावित, धान की फसलें चौपट, ऊपरी मिट्टी बह गई और कीटों के प्रकोप का खतरा बढ़ गया है।
1988 की बाढ़ के बाद नेताओं ने तैयारी का वादा किया था, लेकिन नहरें आज भी गाद से भरी हैं, नदियाँ अतिक्रमण का शिकार हैं, रेत माफ़िया फल-फूल रहा है और भूजल तेजी से गिर रहा है। तो सवाल यह है—
क्या पंजाब के नेता सच में खाद्य सुरक्षा की चिंता कर रहे हैं या सिर्फ़ 2027 की सीट सुरक्षा की?
A) खाद्य सुरक्षा: पंजाब की धरती बचाने के लिए गंभीर दीर्घकालीन योजना।
B) सीट सुरक्षा: चुनावी ड्रामे के तौर पर राहत पैकेज।
C) कोई सुरक्षा नहीं: किसान बाढ़ और कीटों से अकेले जूझ रहे।