एक ऐसी दुनिया जहाँ तकनीक और स्क्रीन हर जगह हैं, हम जीवन की साधारण खुशियों—जैसे बातचीत, प्रकृति और साथ में हँसी—से फिर कैसे जुड़ सकते हैं? आपके विचार जानना चाहेंगे।
Podcast - SUNLO
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By 2050, 1 in 5 Indians will be over 60, yet caregiving remains untrained and unregulated. Urban eldercare can cost ₹40,000 a month, excluding medicines. Should India make long-term care a public service rather than a private burden? Share your thoughts.
2050 तक हर पांच में से एक भारतीय की उम्र 60 वर्ष से अधिक होगी, फ़िर भी देखभाल का तंत्र असंगठित और अप्रशिक्षित है। शहरी क्षेत्रों में बुज़ुर्गों की देखभाल पर दवाइयों के अतिरिक्त प्रति माह ₹40,000 तक खर्च हो सकता है। क्या भारत को दीर्घकालिक देखभाल को निजी बोझ की बजाए सार्वजनिक सेवा बनाना चाहिए? आपके विचार जानना चाहेंगे।
In an age dominated by technology and screens, how can we reconnect with the simple joys of life—like conversations, nature, and shared laughter? Share your thoughts.