हसरत मोहानी: भूला हुआ बाग़ी या अमर आइकॉन?
इन्होंने "इंकलाब ज़िंदाबाद" का नारा दिया, मिस्र पर लेख लिखने के लिए जेल गए, और हज के साथ-साथ जन्माष्टमी भी मनाई।
आज उन्हें कैसे याद किया जाना चाहिए?
A) असली इंकलाबी — एक शायर जिसने अपनी राजनीति को जिया।
B) एक बेमेल जीनियस — अपने दौर से बहुत आगे, हमारे लिए बहुत जटिल।
C) इतिहास की एक फुटनोट — न के बराबर चर्चा, न के बराबर याद।