कभी अमृतसर उत्तर में भाजपा का पोस्टर चेहरा रहे अनिल जोशी अब हार और वफादारी के बीच भटकते दिखते हैं,
अकाली दल के निशान पर चुनाव लड़ा, हार गए, और अब सुखबीर के क़रीब हैं, लेकिन पार्टी में औपचारिक रूप से शामिल नहीं हुए।
लगातार दो हार के बाद भी किसी एक पार्टी का भरोसेमंद चेहरा नहीं बने। क्या जोशी अब भी पंजाब 2027 की शतरंज में कोई मोहरा हैं?
A. चालाक खिलाड़ी, अब भी मैदान में।
B. एक और पलटीबाज़।
C. साख भी गई, सियासत भी।