भारत की सात हिमालयी रेल परियोजनाओं पर ₹2.93 लाख करोड़ खर्च हो रहे हैं — फिर भी एक भी प्रोजेक्ट समय पर नहीं पूरा हुआ, बजट में नहीं रहा और अपनी असली मंज़िल तक नहीं पहुँचा।
और कितने हज़ार करोड़ रुपये बर्बाद होंगे, गिरती पहाड़ियों और बड़े-बड़े पुलों पर, जब रेलवे मंत्रालय मानेगा कि उसकी योजना ही गलत है?