From Modi Meet to Ban Threats—what changed overnight? “Diljit Dosanjh met PM Modi in January to celebrate culture. Now he’s called a traitor. Did nationalism shift—or did agendas change?
मोदी के साथ मुलाक़ात से 'गद्दार' तक – एक रात में क्या बदल गया? दिलजीत दोसांझ ने जनवरी में संस्कृति पर पीएम से बात की, अब उन्हें गद्दार कहा जा रहा है। क्या राष्ट्रवाद बदला या एजेंडा?
कंगना कहती हैं कि उन्होंने कभी समाज सेवा करने के बारे में नहीं सोचा और वो खुद को प्रधानमंत्री बनने लायक नहीं मानतीं। बताइए, क्या सिर्फ ईमानदारी ही काफ़ी है—या प्रतिबद्धता ज़्यादा ज़रूरी है?