जब किसी धर्मगुरु पर रेप जैसे आरोप लगते हैं और वो राष्ट्रीय सम्मान भी पा चुके हों, तो क्या ये उनकी ताकत पर सवाल नहीं उठाता?
क्या हम आस्था के नाम पर उन्हें बहुत आसानी से माफ कर देते हैं? और जब सब चुप रहते हैं, तो सबसे ज़्यादा नुकसान किसका होता है?
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