भारत की खेती का 42% अब महिलाएं संभाल रही हैं—वे पूरे खेत चला रही हैं, पशुपालन और ग्रामीण खाद्य तंत्र की रीढ़ बनी हुई हैं।
फिर भी नीतियां उन्हें किसान नहीं, सिर्फ मददगार मानती हैं।
तो क्या भारत की कृषि नीति आंकड़ों में नारीवादी है, लेकिन असल में पितृसत्तात्मक?