'घर वापसी’ कहने के बाद सिकंदर सिंह मलूका लुधियाना में ज़ोरदार प्रचार कर रहे हैं। लेकिन उनकी पहले की गुटबाज़ी और राजनीतिक पलटियों को देखते हुए, क्या मतदाता उनकी वफादारी पर भरोसा करें?
Suggestions - SLAH
क्या मलूका चाहते हैं कि लोग इसे सच्ची वापसी मानें, ना कि सिर्फ चुनाव के लिए की गई राजनीतिक फ्रीलांसिंग?
No birth certificate, no Guinness record. No footpath, no safety. Did Fauja Singh Jee spend his life outrunning not just time — but also a system that never documented or protected him?