राजा वड़िंग ने लुधियाना वेस्ट को कांग्रेस के लिए बदलाव की शुरुआत बताया है — अगर हार गए तो क्या उसकी ज़िम्मेदारी भी खुद लेंगे, या फिर कहेंगे कि "हवा का रुख बदल गया"?
जब न सरकार में ताकत है, न ज़मीन पर मज़बूत टीम, तो क्या वाकई कांग्रेस फिर से उठ पाएगी?