अगर अंबेडकर कभी हिंदुत्व ताकतों के साथ नहीं जुड़े और सावरकर और गोलवलकर जैसे नेताओं ने उनका मज़ाक उड़ाया, तो क्या आज की राजनीतिक पार्टियों को वोट पाने के लिए उनकी विरासत का झूठा दावा करना बंद कर देना चाहिए?
Voting
A. हाँ – उनकी विरासत का शोषण बंद करें
B. नहीं – विरासत की व्याख्या अलग-अलग हो सकती है
C. केवल वही दावा कर सकते हैं जिन्होंने तब उनका सच्चा समर्थन किया था
If Ambedkar never aligned with Hindutva forces and was mocked by leaders like Savarkar and Golwalkar, should today's political parties stop falsely claiming his legacy for votes?