यह देखते हुए कि 2024 में 61 देशों में खसरे के प्रकोप की रिपोर्ट मिली और 24 देशों में लगभग 1,400 मस्तिष्क ज्वर (मेनिनजाइटिस) की मौतें हुईं,
क्या हम अब भी उस वित्तीय संकट और गलत जानकारी को नजरअंदाज कर सकते हैं जो वैश्विक टीकाकरण प्रयासों को रोक रहे हैं?