A.) क्या सरकार ₹6,949 करोड़ की बक़ाया मज़दूरी और बढ़ती महंगाई के बावजूद MGNREGS की मज़दूरी को ₹200 प्रतिदिन पर बनाए रख कर अनजाने में कामकाजी लोगों को "भोजन के लिए काम करने" पर मजबूर कर रही है या
B.) फ़िर यह जान-बूझ कर उन्हें और अधिक ग़रीबी में धकेलने की कार्रवाई मानी जाए?