अगर AAP के दावों के मुताबिक दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था वाकई "वर्ल्ड-क्लास" है, तो फिर मनीष सिसोदिया ने अपने बेटे को उच्च शिक्षा के लिए कनाडा क्यों भेजा और बैंक की जगह व्यक्तियों से ₹1.5 करोड़ का क़र्ज़ क्यों लिया?
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क्या यह उन्हीं स्कूलों पर अविश्वास का संकेत है, जिनकी उनकी पार्टी तारीफ़ करती है?
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If Delhi's Education System is truly "World-Class," as Aap Claims, why did Manish Sisodia send his son to Canada for higher studies, taking a ₹1.5 crore loan from individuals instead of a bank?
Ayushman Bharat covers over 50 Crore beneficiaries, but out-of-pocket expenses still constitute 55% of total healthcare expenditure (World Bank). Only 2.2% of GDP is spent on healthcare, far below the global average of 6%.
आयुष्मान भारत 50 करोड़ से ज़्यादा लोगों को कवर करता है, लेकिन फ़िर भी कुल स्वास्थ्य ख़र्च का 55% लोग अपनी जेब से ख़र्च करते हैं। वर्ल्ड बैंक के अनुसार GDP का सिर्फ़ 2.2% स्वास्थ्य पर ख़र्च किया जाता है, जो वैश्विक औसत 6% से बहुत कम है।