पंजाब में 24% कृषि ज़मीन किराए पर है, और इस पर कई समस्याएँ हैं, जैसे कि किरायेदारों का पंजीकरण न होना, असफल फसलों के लिए कोई मुआवज़ा न मिलना, और रिवर्स टेनीसी।
तो क्या सरकार को इन पुराने कानूनों को सुधारने की ज़रूरत है, या ये सिर्फ मूलभूत सुधार से बचने के बहाने हैं?