उपलब्ध सार्वजनिक जानकारी के अनुसार, केमिकल पेस्टिसाइड का उपयोग 11,828 मीट्रिक टन करके उत्तर प्रदेश पहले नंबर पर है, दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र में 8,718 मीट्रिक टन और पंजाब में 5,257 मीट्रिक टन केमिकल पेस्टिसाइड का उपयोग हुआ। चर्चा और बदनामी में पंजाब पहले नंबर पर आ गया!
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The draft of the National Policy Framework on Agricultural Marketing mentions blockchain technology and digital infrastructure for transparency, but the government has been unable to provide the Basic Agricultural Input DAP Fertilizer to states as per requirement, even though the requirements were known well in advance every year.
कृषि विपणन पर राष्ट्रीय नीति ढांचे का जो मसौदा प्रस्तुत किया गया, उसमें ब्लॉक चेन टेक्नोलॉजी और डिजिटल बुनियादी ढांचे व इनकी पारदर्शिता की बातें कही गई हैं लेकिन सत्तारूढ़ DAP (डायमोनियम फॉस्फेट) उर्वरक राज्यों को आवश्यकतानुसार उपलब्ध नहीं करवा सके। जबकि प्रत्येक वर्ष लागत के बारे में पहले ही पता होता है।
According to available public information, Uttar Pradesh is at the top in usage of 11,828 metric tons of chemical pesticides, Maharashtra is second with 8,718 metric tons, and Punjab used 5,257 metric tons of chemical pesticides. Punjab is denounced from all quarters in almost every discussion.