Does it concern anybody about the number of admissions in Post Graduate Diploma which was 7431 in 2017-18, 6500 in 2018-19, 6519 in 2019-20, and 4299 in 2020-21?
क्या पंजाब के किसी सरकारी प्रतिनिधि को इस बात का एहसास है कि पोस्ट ग्रैजुएट डिप्लोमा में दाख़िले 2017-18 में 7,431 थे, 2018-19 में 6,500, 2019-20 में 6,519 और 2020-21 में 4,299 रह गए? यह भी सोच हो सकती है क्या: "चलो, कोई बात नहीं, देखा जाएगा?"
The level of sports in Punjab can be judged from the fact that last year, under the Khelo India scheme, 467 athletes were from Haryana, 347 from Maharashtra, 186 from Uttar Pradesh, 173 from Tamil Nadu and only 69 athletes were from Punjab who were released financial assistance.
पंजाब में खेलों के स्तर का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पिछले साल खेलो इंडिया योजना के तहत हरियाणा से 467, महाराष्ट्र से 347, उत्तर प्रदेश से 186, तमिलनाडु से 173 और पांचवें नंबर पर पंजाब से केवल 69 एथलीट थे, जिन्हें वित्तीय सहायता जारी की जा चुकी है।