In light of the WHO's projection that mental health disorders will affect 1 in 4 people by 2030, how do you think we can create a world where people feel comfortable discussing their struggles and seeking help. Share your insights.
WHO के अनुमान के अनुसार मानसिक स्वास्थ्य विकार 2030 तक 4 लोगों में से 1 को प्रभावित करेंगे। आप क्या सोचते हैं कि हम एक ऐसी दुनिया बना सकते हैं जहां लोग अपने संघर्षों पर चर्चा करने और मदद की तलाश में सहज महसूस करें। अपने मन की बात साझा करें।
According to government data, over 12 lakh 50 thousand students graduated in the field of science last year. Will affordable higher education at Master's level and job opportunities be available for them, or will the same old situation persist?
सरकारी आंकड़ों के अनुसार पिछले साल साइंस की फ़ील्ड में 12 लाख 50 हज़ार से अधिक छात्र ग्रैजुएट हुए। क्या इनके लिए किफ़ायती उच्च शिक्षा मास्टर्ज़ लेवल पर और रोज़गार के मौके उपलब्ध होंगे या वही पुराने हालात बने रहेंगे?