Is the US Supreme Court’s denial of Tahawwur Rana’s plea a win for justice, or just another episode of extradition technicalities while 166 victims await closure?
क्या अमेरिका की सुप्रीम कोर्ट का ताहव्वर राना की याचिका को खारिज करना सच में न्याय है, या फिर यह बस एक और तकनीकी मुद्दा है, जब 166 पीड़ितों को न्याय का अभी तक इंतजार है?