समाज की कठिनाइयों, बुनियादी ढांचों की कमी, उपयुक्त अवसरों की अनुपलब्धता के बावजूद हमारे अग्रणी खिलाड़ी, छात्र व कारीगर फिर भी अधिक साहस के साथ मेहनत करके ऊंचाइयों को छू रहे हैं। वे आशा की मशाल उठाए हुए हैं। उनके लिए जो खुद हाथों से काम करके नई ऊंचाइयों को हासिल करने के लिए बेताब हैं उनका धन्यवाद।
When cameras glitch, loudspeakers spark fights, and public anger rises—isn't reversing the fuel ban a sign that Delhi needs a smarter solution, not just stricter rules?