A) सुनील जाखड़ सच में चंडीगढ़ के रक्षक हैं, पंजाब के गौरव के लिए केंद्र की नाराज़गी को भी झेलने को तैयार।
B) यह सब राजनीतिक नाटक है: बड़े बयान, बहादुरी का दिखावा लेकिन दिल्ली का मन बदलने की संभावना कम।
C) सुनील जाखड़ समझदारी से खुद को क्षेत्रीय हीरो के रूप में स्थापित कर रहे हैं, उम्मीद है कि पंजाब के मतदाता उनकी बहादुरी की सराहना करेंगे, भले ही विधेयक पास हो जाए।
D) बयानों के बावजूद, भाजपा में सुनील जाखड़ की सीमित प्रभावशीलता उनके विरोध को बेअसर बना सकती है।