A) उनका लंबा राजनीतिक अनुभव, CWC से लेकर अकाली दल की नेतृत्व भूमिका तक, कुछ आधार दे सकता है लेकिन मौड़ से 2027 में चुनाव जीतना मुश्किल होगा।
B) हाल की हारें दिखाती हैं कि मौड़ के मतदाता शायद अब उन्हें समर्थन न दें।
C) वह मौड़ की राजनीति में लौटने की बजाय अपने गैर-राजनीतिक मंच पर ही काम जारी रख सकते हैं।
D) वह स्वतंत्र उम्मीदवार या कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने का प्रयास कर सकते हैं।