मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में, आम आदमी पार्टी सरकार ने अपने कर्मचारियों से बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए पैसे जमा करने का आदेश दिया है। क्या यह आदेश उस मुख्यमंत्री की कुशलता पर सवाल उठाता है, जो जनता की भलाई के लिए बजट के बजाय कर्मचारियों पर भरोसा कर रहा है? क्या यह प्रशासनिक विफलता, नेतृत्व की कमी या कर्मचारियों पर दबाव डालने का नया तरीका है, जबकि जनता की असली समस्याएँ अनसुलझी रह रही हैं?
Suggestions - SLAH
A) कर्मचारियों से दान मांगना जनता का भरोसा खोने जैसा है।
B) सरकार चल नहीं रही; मुख्यमंत्री फंसे हुए हैं।
C) एक नया अंदाज: अक्षमता को नैतिकता का रूप देना।
D) सिर्फ दिखावा; असली शासन कहीं दिखाई नहीं दे रहा।
Navjot Singh Sidhu met Priyanka Gandhi and posted heartfelt captions calling her his “mentor and guiding angel,” flaunting his closeness to the Gandhi family.
नवजोत सिंह सिद्धू ने प्रियंका गांधी से मुलाकात की और सोशल मीडिया पर उन्हें अपना “मेंटर और मार्गदर्शक देवदूत” बताया, गांधी परिवार के नज़दीकीपन का दिखावा करते हुए।
Arvind Kejriwal and Punjab CM Bhagwant Mann are spending ₹1,184 Crores on 3,000 sports stadiums, promising a drug-free, healthy youth. But Punjab is drowning in debt and the drug menace is still out of control. So, the question is, are Kejriwal and Mann genuine reformers, or just political showmen using stadiums to cover up their failures?